उसकी भोगी हुई सच्चाई
तेरी कल्पना की उडान
अरमानों का अफसाना
एक कतरा आसमान
उसकी कुर्बानी का जज़्बा
तेरे लूटने के अरमान
आरज़ू में है सिमटा
एक कतरा आसमान
उसकी बेची हुई अस्मत
तेरी रिश्तों की दुकान
बिकता नहीं, है अनमोल
एक कतरा आसमान
उसकी बेबाक गवाही
तेरे झूठे वो ब्यान
अल्फाज़ों का है पुलिन्दा
एक कतरा आसमान
उसकी वेदों की थाती
तेरी पाक कुरान
पाकीज़ा इबादत है
एक कतरा आसमान
उसकी मीठी सी गज़ल
तेरे तीखे व्यंग्य-बांण
फ़सानों में पिरोया है
एक कतरा आसमान
उसकी खामोश इबादत
तेरी बुलन्द अज़ान
छोटी सी एक आशा
एक कतरा आसमान
1 comment:
ji haan bilkul aisa hi hai ek qatra aasmaan.......
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