Monday, December 22, 2008

एक कतरा आसमान

उसकी भोगी हुई सच्‍चाई
तेरी कल्‍पना की उडान
अरमानों का अफसाना
एक कतरा आसमान

उसकी कुर्बानी का जज्‍़बा
तेरे लूटने के अरमान
आरज़ू में है सिमटा
एक कतरा आसमान

उसकी बेची हुई अस्‍मत
तेरी रिश्‍तों की दुकान
बिकता नहीं, है अनमोल
एक कतरा आसमान

उसकी बेबाक गवाही
तेरे झूठे वो ब्‍यान
अल्‍फाज़ों का है पुलिन्‍दा
एक कतरा आसमान

उसकी वेदों की थाती
तेरी पाक कुरान
पाकीज़ा इबादत है
एक कतरा आसमान

उसकी मीठी सी गज़ल
तेरे तीखे व्‍यंग्‍य-बांण
फ़सानों में पिरोया है
एक कतरा आसमान

उसकी खामोश इबादत
तेरी बुलन्‍द अज़ान
छोटी सी एक आशा
एक कतरा आसमान

1 comment:

anshuja said...

ji haan bilkul aisa hi hai ek qatra aasmaan.......